यह एक बच्चो के लिए (hindi kahani for kids) शिक्षाप्रद कहानी है ।
प्राचीन समय की बात है , रूपपुर नामक एक समृद्ध गांव हुआ करता था । उसी गांव में 6 अंधे आदमी रहते थे। एक दिन उस गाँव में एक हाथी वाला आया । जो गली गली में हाथी घुमाते हुए दक्षिणा मांग रहा था ।गांव के बड़े बूढ़े से लेकर बच्चो तक हाथी को देखकर उत्साहित थे । बच्चे तो हाथी के पीछे पीछे शोर मचाते हुए घूम रहे थे । उन सभी अंधे व्यक्तियों ने भी शोर सुना , और गांव वालो को रोकते हुए पूछा तो गांव वालों ने उन्हें बताया , ” अरे , आज गावँ में हाथी आया है।” उन्होंने आज तक बस हाथियों के बारे में सुना था पर कभी छू कर महसूस नहीं किया था. उन्होंने ने निश्चय किया, ” भले ही हम हाथी को देख नहीं सकते , पर आज हम सब चल कर उसे महसूस तो कर सकते हैं ना?” और फिर वो सब उस जगह की तरफ बढ़ चले जहाँ हाथी आया हुआ था.
Best Stories In Hindi
सभी ने एक साथ हाथी को छूना शुरू किया। और उसे छूकर उसे समझने की कोशिश करने लगे ।
” मैं समझ गया, हाथी एक पेड़ के तने की तरह होता है”, पहले व्यक्ति ने हाथी का पैर छूते हुए कहा.
“अरे नहीं, हाथी तो रस्सी की तरह होता है.” दूसरे व्यक्ति ने पूँछ पकड़ते हुए कहा.
“मैं बताता हूँ, ये तो किसी मोटे सांप की तरह है.”, तीसरे व्यक्ति ने सूंढ़ पकड़ते हुए कहा.
” तुम लोग क्या बात कर रहे हो, हाथी एक बड़े हाथ के पंखे की तरह होता है.” , चौथे व्यक्ति ने कान छूते हुए सभी को समझाया.
“नहीं-नहीं , ये तो एक दीवार की तरह है.”, पांचवे व्यक्ति ने पेट पर हाथ रखते हुए कहा.
” ऐसा नहीं है , हाथी तो एक भाले के शूल की तरह होता है.”, छठे व्यक्ति ने अपनी बात रखी, जिसने उसके दांत पकड़ रखे थे ।
और फिर सभी आपस में बहस करने लगे और खुद को सही साबित करने में लग गए.. ..उनकी बहस तेज होती गयी और ऐसा लगने लगा मानो वो आपस में लड़ ही पड़ेंगे.
तभी वहां से एक बुद्धिमान व्यक्ति गुजर रहा था. वह रुका और उनसे पूछा,” क्या बात है तुम सब आपस में झगड़ क्यों रहे हो?”
” हम यह नहीं तय कर पा रहे हैं कि आखिर हाथी दिखता कैसा है.” , उन्होंने ने उत्तर दिया.
और फिर बारी बारी से उन्होंने अपनी बात उस व्यक्ति को समझाई.
बुद्धिमान व्यक्ति ने सभी की बात शांति से सुनी और बोला ,” तुम सब अपनी-अपनी जगह सही हो. तुम्हारे वर्णन में अंतर इसलिए है क्योंकि तुम सबने हाथी के अलग-अलग भाग छुए
हैं, पर देखा जाए तो तुम लोगो ने जो कुछ भी बताया वो सभी बाते हाथी के वर्णन के लिए सही बैठती हैं.”
जिसे पेड़ की तरह लगा उसने हाथी का पैर पकड़ा होगा ,
जिसे सांप की तरह लगा उसने सूंड
रस्सी वाले ने पूंछ , और शूल वाले ने दांत , दीवाल वाले ने पेट , और पंखे वाले ने उसके कान पकड़े होंगे ।
” अच्छा !! ऐसा है.” सभी ने एक साथ उत्तर दिया . सभी खुश हो गए कि वो सभी सच कह रहे थे, किंतु बस केवल खुद को ही सही मानकर वे एक दूसरे से लड़ रहे थे ।
इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है की हमे किसी भी बात पर सभी के तर्क समझकर ही फैसला लेना चाहिए । केवल खुद के दृष्टिकोण को ही सदेव सत्य नही मानना चाहिए।
If u have any doubt or suggestions. Let us know