सारस और बिल्ली की कहानी (hindi kahani for kids)

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एक बार एक बिल्ली ने सारस से दोस्ती करने की सोची । उसने सोचा अगर एक सारस मेरा दोस्त बन जायेगा तो उसे रोज रोज ताज़ी ताज़ी मछलियां खाने को मिलेगी ।desi kahani सारस उसके लिए तालाब से मछलियां लाकर देता रहेगा और वह मजे से खाता रहेगा। यह सोचकर बिल्ली तालाब के किनारे पर गई , और एक सारस से बाते करने लगी । बिल्ली ने सारस को अपने घर सूप की दावत पर बुलाया । सारस ने हामी भर दी । पर बिल्ली बहुत लालची थी , वह सारस को एक बार भी खिलाना नही चाहती थी । उसने एक तरकीब सूझी ।

 सारस जब बिल्ली के घर पहुंचा तो बिल्ली ने एक एक चपटी थाली में अपने और सारस के लिए सूप परोस रखा था । बिल्ली तो अपनी थाली का सूप मजे से चाट कर पी गई । लेकिन सारस की लंबी चोंच उसमे डूब नही पा रही थी , उसने बहुत कोशिश की । पर वह एक बूंद भी सूप पी नही पाया । 
सारस को बिल्ली की यह धूर्तता देख बहुत गुस्सा आया । फिर भी उसने बिल्ली से कुछ नही कहा और धन्यवाद देकर चला गया ।
उधर बिल्ली खुश हो रही थी की दावत भी दे दी और दोनो थाली का सूप भी खुद ही पीने को मिल गया । उसे अपनी बुद्धिमत्ता पर बहुत गुमान हो रहा था ।

कुछ दिन बाद सारस ने बिल्ली को अपने घर दावत दी । बिल्ली ने खुशी खुशी उसे स्वीकार कर लिया । 

दावत वाले दिन वह सारस के घर पहुंची । सारस उसे खाने के कमरे में ले गया । बिल्ली ने देखा की वह दो लंबी पतली गर्दन वाली पीतल की भारी सुराही में सूप परोसा गया है । 
सारस ने तो अपनी लंबी चोंच उसमे डाल के सूप पीना शुरू कर दिया । 
बिल्ली ने उस लंबी सुराही के मुंह तक पहुंचने की बहुत कोशिश की , लेकिन विफल रही । वह बस सारस को सूप पीते देख , अपना मन मारती रही । उसके मुंह में पानी आ रहा था , पर वह कुछ नही कर सकती थी ।
फिर बिल्ली को याद आया की कैसे उसने सारस को भी दावत पर बुला कर उसका इसी प्रकार अपमान किया था ।
बिल्ली अपना सा मुंह लिए वहा से चली गई ।

सीख - इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है की कभी मतलब के लिए किसी से दोस्ती यारी नही करनी चाहिए । और आप जैसा करेंगे , वैसा ही पाएंगे।

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