घमंडी कोयल की कहानी

Newswala
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एक समय की बात है, एक चम्पक वन में एक सुंदर सी कोयल रहती थी। उसका नाम था रंगीनी। रंगीनी कोयल अपनी सुरीली आवाज़ पर गर्व करती थी। उसके गाने की मिठास और संगीत से भरी हुई बातों से सभी पक्षियों को मोह लेती थी।

रंगीनी के गाने की ख़ूबसूरती सुनकर जंगल के सभी पशु-पक्षी उसके समर्थन में आ जाते थे। उसे देखने के लिए लोग दिन-रात चम्पक वन में उसके पास आते रहते थे। रंगीनी इस लोकप्रियता के कारण बहुत गर्व महसूस करती थी और इसका अहंकार उसके अंदर बढ़ता जा रहा था।

एक दिन, एक बुज़ुर्ग कबूतर जिसका नाम था हरी था , रंगीनी के पास आया और उसे सलाह देने लगा। हरी ने कहा, "रंगीनी, तुम्हारी आवाज़ वाकई मधुर है, लेकिन ध्यान रखो, गर्व का आभास आपके संगीत की सुंदरता को ख़राब कर सकता है। आवाज़ में सम्मान होना ठीक है, लेकिन अहंकार नहीं। यह तुम्हारी सुंदरता को और बढ़ा सकता है।"

रंगीनी ने हरी के वचनों को सुना, लेकिन उसके मन में विचार था कि वह इतनी प्रसिद्ध है कि उसके गाने के बिना जंगल अधूरा हो जाएगा। उसका अहंकार अब इतना हो चुका था की बुज़ुर्ग कबूतर के वचनों को उसने एक कान से सुनकर दूसरे से निकाल दिया । 

एक दिन, एक प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें जंगल के सभी पक्षियों को गाने में हिस्सा लेना था। रंगीनी को भी इसमें हिस्सा लेने का मौक़ा मिला। उसने सोचा, "अब देखो, मैं इस प्रतियोगिता में जीत हासिल करूंगी और सभी को दिखा दूंगी कि मेरी आवाज़ बेमिसाल है।और मेरे आगे कोई टिक नही सकता ।"

प्रतियोगिता का दिन आया और सभी पक्षियों ने अपने-अपने गाने से जनता को प्रभावित करने का प्रयास किया। रंगीनी उन सभी पक्षियों के गाने सुनकर घमंड से मुस्कुरा रही थी , वह सोच रही थी जब मेरी बारी आएगी तो इन सबकी आवाज मेरे सामने फीकी पड़ जायेगी ।

अब रंगीनी की बारी आई , और उसने गाना शुरू किया । उसकी आवाज वाकई मधुर थी , लेकिन उसने अपने गाने में केवल अपनी तारीफ और बड़ाई करना शुरू किया -

"में हूं कोयल रंगीनी , गाना गाऊ सबसे बेहतर , 
यहाँ जो भी आए , कोई न ले सकता है टक्कर।।"

 इसके साथ ही उसने अन्य पक्षियों का मजाक भी उड़ाया -

"देखो कौवे की आवाज , चलता है जैसे ट्रैक्टर ।
और कबूतर के क्या कहने , हंसता जैसे खच्चर।।
तोते को गाना नही, बस रटना कुछ भी पढ़कर
मोर तो बस ऐसे लगता , जैसे रोए कोई छुपकर ।।
में हूं कोयल रंगीनी , गाना गाऊं सबसे बेहतर,
मेरा गला है सबसे सुंदर, चाहे देख लो पूरा जंगल ।।"

कोयल का गाना सुनकर सारे जानवर स्तब्ध रह गए । उन्हे यह अपेक्षा नहीं थी की कोयल को अपने ऊपर इतना ज्यादा घमंड है । किसी ने उसके लिए ताली नहीं बजाई । पर घमंडी कोयल को इससे कोई फर्क नही पड़ता था। वह बस सीना तान के स्टेज से चलकर अपनी सीट पर बैठ गई । और खुद के सर्वश्रेष्ठ गायक होने की घोषणा का इंतजार करने लगी ।
 इस मुकाबले का निर्णय करने के लिए जंगल के राजा शेर को बुलाया गया था । उसने सभी का गायन सुना था । रंगीनी का गाना भी उन्होंने सुना , और उसकी आवाज सचमुच मधुर थी । किंतु उसे भी रंगीनी का व्यवहार और घमंड और जिस तरह से उसने अपने बाकी साथी पक्षियों की बेइज्जती की थी , वो पसंद नही आया । 

अब निर्णय का समय आया । राजा शेर खड़े होकर बोले - सभी प्रतिभागियों ने बहुत अच्छा गाया है , और कुछ की आवाज बहुत मधुर है , यह कहकर उन्होंने रंगीनी की तरफ देखा। रंगीनी खुशी से एकदम तन कर अपनी सीट पर बैठ गई । उसे लगा अब उसका ही नाम आने वाला है विजेता के रूप में । लेकिन राजा शेर ने आगे कहा - कुछ पक्षियों की आवाज सच में बहुत मधुर है , किंतु यह प्रतियोगिता अच्छी आवाज वाले को ढूंढने के लिए नही थी , बल्कि एक अच्छे गायक को ढूंढने के लिए थी । कैसा गा रहें हैं से बहुत ज्यादा ये मायने रखता है की क्या गा रहे हैं। अच्छा गायक अपनी गायकी से लोगो का मनोरंजन करने के साथ उन्हे सीख देता है या उनका भला करता है। 
इसलिए इस प्रतियोगिता के विजेता है -"मोर" । क्युकी मोर के गाने में अच्छी आवाज के साथ साथ बारिश लाकर लोगो का भला करने का भी गुण है ।

सभी जानवरों ने राजा के इस निर्णय का ताली बजाकर खुशी से स्वागत किया ।
केवल घमंडी कोयल रंगीनी अपना सर नीचे किए हुए बैठी थी । उसे अपनी गलती का एहसास था । वह चुपचाप सभा से चली गई ।


सीख - इस कहानी से हमे यह सीख मिलती है की कभी घमंड नहीं करना चाहिए । आपके गुण किसी काम के नही है यदि आपके अंदर उनका घमंड है ।



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