बहुचर्चित हिंदी फिल्म आदिपुरुष अब थिएटर में आ चुकी है। और जनता भी शुरुआती वीकेंड्स में इसे देखने पहुंच रहे हैं । अपनी VFX के लिए काफी आलोचनाएं झेल चुकी यह फिल्म अपनी पिछली रिलीज डेट से काफी देर में रिलीज हुई । आइए जाने की क्या इस समय में इसमें सुधार कर क्या इसे उतना अच्छा बना पाया है की यह दर्शकों की उम्मीद पर खरा उतर सके ।
(Aadipurush review in hindi )
कहानी -
फिल्म की कहानी के बारे में तो हर भारतीय जानता है , किंतु इतनी लंबी कहानी को ३ घंटे में समेटने के लिए काफी महत्वपूर्ण दृश्यों को कम करना पड़ा है । ऊपर से गानों के लिए भी समय निकालना पड़ा है। तो आपको ऐसा लग सकता है की सबकुछ थोड़ा जल्दी बाजी में हो रहा है। हां कुछ सीन जिनमे VFX का कमाल दिखाया जा सकता था उनपे समय दिया गया हे। कुछ सीन रामायण की पौराणिक कहानी से अलग भी जोड़े गए हैं, । जिनसे कहानी कुछ कुछ नई सी लगती है, फिर उसे रावण की माया दिखाकर उसे सही पर वापस फिर उसी जगह पर आ जाती है, जैसे -सीता माता को युद्ध के मैदान में दिखाना । और सीता जी का हरण राम और लक्ष्मण के सामने होते हुए दिखाना , और उस समय राम और लक्ष्मण का बेबस होते हुए देखना अच्छा फील नही कराता है। रावण और जटायु युद्ध राम की आंखों के सामने हो रहा है और गगनभेदी बाणों के होते हुए भी वे बस लाचार देखते रहते हैं। इससे श्रीराम के कैरेक्टर को बहुत कमजोर दिखाया गया है। आखिरी लड़ाई के वक्त रावण को बस पूजा करते दिखाया गया है। जब तक उसके बेटे मेघनाथ और भाई कुंभकर्ण मारे जाते हैं वह पूजा आराधना में ही व्यस्त रहता है।
चरित्र और VFX-
आदिपुरुष के चरित्रों की बात करे तो प्रभास राम की भूमिका में अच्छे लगे हैं,किंतु उनकी बाहुबली वाली छवि को दूर करने में असफल रहे हैं। रामानंद सागर की अमिट छवि वाली रामायण देखकर बड़ी हुई इस पीढ़ी को दाढ़ी मूछ वाले राम लक्ष्मण कैसे लगते हैं अब ये देखना बाकी है।
हनुमान जी के चेहरे को थोड़ा और अच्छा बनाया जा सकता था जिससे ऐसा न लगता की वह जबरदस्ती मुंह फुलाए हुए हैं। यदि आप हॉलीवुड मूवीज के शौकीन नही तो आपको इस फिल्म के cgi चरित्र रुचिकर लग सकते हैं, क्युकी हॉलीवुड देखने वाले लोगो को इसके cgi चरित्र कुछ कुछ जाने पहचाने से लग सकते हैं। जैसे सुग्रीव और कुछ बड़े वानर आपको किंग कॉन्ग की , शुरुआत में दिखाए राक्षस आपको हैरी पॉटर के दम पिशाचों की , रावण का वाहन चमगादड़ का शरीर आपको गेम्स ऑफ़ थ्रोंस के ड्रैगन की, और मेघनाथ आपको फ्लैश(तेज दौड़ने वाला सुपरहीरो) की याद दिला सकते हैं। रावण का किरदार सैफ अली खान ने अच्छे से निभाया है, पर उनका getup किसी भी तरह रावण नही लगता । छोटे जैल लगे बाल किसी मॉर्डन विलेन जैसे लगते हैं। कुछ चरित्र तो बस लगता हे जैसे सिर्फ फिल्म में रोचकता बढ़ाने के लिए डाले गए हैं, जैसे विभीषण की पत्नी का बोल्ड सा रूप दिखाना , और सुषेण वैद्य की जगह उसे संजीवनी बूटी के बारे में बताते दिखाया गया है।
सिनेमेटोग्राफी -
फिल्म दृश्यों में काफी अच्छी चलती है । जय श्री राम का बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा फील कराता है। पर पहले हाफ में बार बार गानों के आने से थोड़ी सी धीमी हो जाती है।
इसका मुख्य आकर्षण दूसरे हाफ का युद्ध है जिसे एक अलग ही तरह से दर्शाया गया है। यहां युद्ध खुले मैदान में न होकर पारंपरिक कहानी से हटकर वानर सेना के रावण के किले पर चढ़ाई करके लंका के अंदर चलता है । जिससे कहानी में कुछ नया सा दिखता है। जटायु रावण के युद्ध को काफी अच्छे से दिखाया गया है। और उसमे अच्छे VFX का प्रयोग किया हुआ है। कुछ चरित्र को समय के अभाव के कारण बहुत कम शक्तिशाली दिखाया गया है। जैसे कुंभकर्ण का प्रकरण एक या दो मिनट ही चलता है, उसमे भी हनुमान जी को उससे मार खाते दिखाया गया है। मेघनाथ को सही से समय लेकर दिखाया गया है, किंतु उसका टैटू वाला शरीर थोड़ा अजीब लगता है, और उनका राम से संवाद में यह कहना - चल निकल यहां से । पारंपरिक रामायण पसंद करने वालो को थोड़ा असहज कर सकता है।
( Aadipurush film ki kahani )
डायलॉग
फिल्म में मॉर्डन हिंदी भाषा का प्रयोग किया गया है जो नई जनरेशन को अच्छी लग सकती है। जैसे हनुमान की पूछ में आग लगने के बाद मेघनाथ कहता है - जली ना? तेरी जली ना?
इस पर हनुमान जी कहते हैं - "कपड़ा तेरे बाप का , तेल तेरे बाप का , आग भी तेरे बाप की तो जलेगी भी तेरे बाप की ।"
राम लक्ष्मण और हनुमान जी की पहली मुलाकात पर लक्ष्मण के उनसे सवाल कुछ बचकाने से लगते हैं। और मेघनाथ का हनुमान जी से ये कहना की ये तेरी बुआ का बगीचा है जो यहां घूमने चला आया ।
प्रभास को आवाज फिर से शरद केलकर ने ही दी है इसलिए उनकी हर मोटिवेशनल स्पीच आपको बाहुबली की याद दिलाती है।
निष्कर्ष -
कुल मिलाकर यह फिल्म औसत है। बच्चों को यह पसंद आएगी। रामायण को नए युग के हिसाब से दिखाने के चक्कर में भाषा का ख्याल रखना शायद फिल्म मेकर भूल गए हैं। मनोज मुंतशिर द्वारा लिखे गए डायलॉग आलोचना में पड़ सकते हैं। फिर भी यह फिल्म मनोरंजन कर सकती है।
फ्री समय में परिवार के साथ यह फिल्म देखी जा सकती है। हमारी तरफ से इस फिल्म को 2/5 star ⭐⭐ .( Aadipurush film review in hindi )
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