सोने का अंडा देने वाली मुर्गी । desi kahani

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एक बार किसी गांव में एक गरीब व्यक्ति था ।उसका नाम भूरा था ।भूरा बड़ी मुश्किल से अपनी गुजर बसर कर पाता था। वह मेहनत मजदूरी करके मुश्किल से दो वक्त के खाने का जुगाड़ कर पाता था ।

 एक दिन उसे कही भी मजदूरी नहीं मिली , उस रात वह भूखा ही सो गया । अगले दिन भी उसे कोई काम नही मिला , शाम होने तक उसकी हालत खराब होने लगी । वह मारे भूख के बिलखने लगा । और ईश्वर से प्रार्थना करने लगा । उसकी दयनीय हालत देख ,धन के देवता कुबेर को उस पर दया आ गई । वे भूरा के सामने प्रकट हुए । भूरा ने रो रोकर अपनी व्यथा उन्हे सुनाई । भगवान को उस पर दया आ गई । उन्होंने उसे एक मुर्गी दी । भूरा ने हैरान होते हुए भगवान से कहा -" यह एक मामूली सी मुर्गी मेरी दरिद्रता कैसे दूर करेगी " । कुबेर मुस्कुराए और बोले -" वत्स यह कोई मामूली मुर्गी नही है । सब्र रखो तुम्हे स्वयं पता चल जायेगा ।" इतना कहकर वे अंतर्ध्यान हो गए ।

 
भूरा दुखी मन से मुर्गी को देख रहा था । थोड़ी देर बाद मुर्गी ने अंडा दिया । भूरा ने अंडा उठाकर देखा तो उसकी आंखो में चमक आ गई । वह सोने का अंडा था । भूरा की किस्मत चमक गई।  
वह मुर्गी रोज एक सोने का अंडा देती थी । देखते ही देखते भूरा के दिन बदल गए । अब वह भूरा से सेठ भूरा हो गया था । सुंदर घर, पोशाक , मंहगी वस्तुओं से उसका घर सुसज्जित हो गया। भूरा को अब कोई कमी नही थी ।

लेकिन कुछ दिन बाद भूरा के मन में लालच जाग गया। वह इतना सब होते हुए भी संतुष्ट नहीं था । उसे और जल्दी ढेर सारा धन कमाना था । 
उसके दिमाग में एक विचार आया - "यह मुर्गी रोज एक ही अंडा देती है । इस तरह से में अमीर तो हो गया हूं , लेकिन मुझे आसपास के और सभी लोगो से ज्यादा धनवान बनना है । क्यों न में इस मुर्गी के पेट से एक ही बार में सारे अंडे निकाल लूं ! जिससे में एक झटके में ही सबसे ज्यादा धनवान व्यक्ति बन जाऊंगा । "

कहते है न , विनाश काले विपरीत बुद्धि ।
भूरा की अकल पर पत्थर पड़ गए थे , उसने जल्दी धनवान होने के लिए मुर्गी को मार दिया और उसका पेट फाड़कर देखा । 
भूरा ने अपना सर पकड़ लिया । उसमे एक भी अंडा न था। अब भूरा जोर जोर से विलाप कर रहा था । उसने अपनी सोने का अंडा देने वाली मुर्गी , अपने लालच के कारण खो दी थी । वह रो रोकर पछता रहा था । किंतु अब कुछ नही हो सकता था । वह बस खुद पर पछतावा करने के सिवाए कुछ नही कर सकता था ।

इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है की हमे कभी लालच नहीं करना चाहिए । और कम में संतोष करना चाहिए ।

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