विरह

मन और दिल

घड़ी की टिक टिक सुनता हूँ अब रातो को सुन्सानो में मन की खिड़की से निकले कुछ झोंके कहते हे कानो में इत…

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इक किताब का सूखा फूल

इक किताब का सूखा फूल फिर याद तेरी है दिला गया वो दबी छिपी धुँधली तस्वीरें दिल में फिर से सज़ा गया इक …

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